Chanakya Niti in Hindi चाणक्य नीति

समय बदल गया है अब व्यापार में सफलता पाने के लिये आपको धन, कौशल, बुद्धिमानी के साथ साथ एक सही Chanakya Niti की भी जरूरत होती है, आपको बता दे की chanakya neeti का आज से ही नहीं बल्कि हजारो सालो से इसका उपयोग जीवन में सफलता पाने के लिए किया जाता है।

चाणक्य ने अपने जीवन में जो भी उपदेश और शिक्षाए दी उनका महत्व जीवन की प्रग्रती के लिए बहुत ज्यादा है। वो एक भारतीय शिक्षक, दार्शनिक, अर्थशास्त्री, न्यायिक और शाही सलाहकार भी थे।

उन्होंने जो सिक्षाये डी वो चाणक्य निति कहलाई और उनके जरिये कोई व्यक्ति प्रेरित होकर सफलता प्राप्त कर सकता है।

अगर कोई व्यक्ति बार बार असफल हो रहा है तो उसको चाणक्य के कथन प्रेरित करने के लिए बहुत ही सहायक होते है। आज के इस पोस्ट में आप Chanakya की history, biography आदि को विस्तार से जानोगे।

Chanakya

दोस्तों चाणक्य का जन्म अनुमानतः ईसापूर्व 375 पंजाब में हुआ तथा मृत्यु अनुमानतः ईसापूर्व 283 पाटलिपुत्र में हुए थी। पिता का नाम आचार्य चणीक था इसलिये उनको चणी पुत्र चाणक्य भी कहते है।

मूलतः पाटलिपुत्र से थे। वो चन्द्रगुप्त मौर्य के महामंत्री पद पर कार्यरत थे लेकिन वो आच्छे शिक्षक, अर्थशास्त्री और दार्शनिक भी थे। वो तक्षशिला के गुरुकुल में अर्थशास्त्र के आचार्य भी रहे थे।

उनको चाणक्य के अलावा कौटिल्य, विष्णुगुप्त नाम से भी संबोधित किया जाता था। अर्थशास्त्र के क्षेत्र में उन्होंने अग्रणी काम किये थे, उस समय वो विश्व के सबसे बड़े अर्थसास्त्री थे।

उन्होंने तक्षशिला से ही शिक्षा प्राप्त की थी। कूटनीति का पहली बार प्रोग इनके द्वारा ही किया गया और उसकी बदोलत उन्होंने नंदवंश का नाश करवाकर मोर्यवंस की स्थापना करवाई थी। उन्होंने सम्राट सिकंदर जेसे महान, शक्तिशाली और पराक्रमी राजा को अपनी कूटनीति के बल पर भारत छोड़ने पर मजबूर था।

Acharya chanakya ने से चंद्रगुप्त जेसे छोटे बालक को अखंड भारत का राजा बनाया। उन्होंने अर्थनीति,अर्थशास्त्र , समाजनीति राजनीति, कृषि अड्डी विषयों पर सटीक तथा प्रभावी ग्रन्थ लिखे थे जिनमें से कुछ का उपयोग अभी तक हो रहा है।

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Chanakya Niti for Success in Life

दोस्तों चाणक्य जन्म से ही बहुत ही बुद्धिमानी व्यक्ति थे, वो जहा भी बोलते लोगो को प्रेरणा मिल जाती थी इसी कारण वो बहुत ही प्रसिद्ध हो गए थे। उनके द्वारा रचयित अर्थशास्त्र ग्रन्थ चाणक्य निति कहलाई।

Chanakya Niti में किसी व्यवसायी और राजा को प्रेरित करने के लिए इस प्रकार के उपदेश है जिनके पड़ने मात्र से ही व्यक्ति को कुच्छ कर गुजरने की भावना आ जाती है।

chanakya neeti in Hindi

Chanakya Niti in Hindi

यहाँ पर कुछ प्रमुख चाणक्य नीतिया जिनका उपयोग व्यवसाय और आगे बदने के लिए उस समय से लेकर आज तक किया जा रहा है, अगर आपको भी कठिन परिश्रम करने में असुविधा हो रही है तो आप इनको पड़ सकते है। ये आपको आगे बदने निचय ही मदद करेंगे।

क: काल: कानि मित्राणि को देश: कौ व्ययागमौ।

कस्याऽडं का च मे शक्तिरिति चिन्त्यं मुहुर्मुंहु:।।

उपरोक्त श्लोक चाणक्य नीति से लिया गया चतुर्थ अध्याय का 18वां श्लोक इसमें चाणक्य  मुख्या रूप से छः बातो को जीवन में सफलता पाने के लिए हमेशा याद में रखने या सोचते रहने के लिए कहा गया है। वो छः बाते तथा उनकी व्याख्या निम्न प्रकार है :-

1. यह समय कैसा है

चाणक्य के इस कथन की व्याख्या इस प्रकार है की व्यक्ति को समय के हिसाब से चलाना चाहिए उसको समय में जो घटित हो रहा है उसकी सही पहचान होनी चाहिए।

व्यक्ति को वर्तमान में सुख और दुःख दोनों का सही आंकलन करते रहना चाहिए। उनका कहना है की गारा वर्तमान में सुख है तो परिश्रम करते रहना चाहिए जिससे आगे बड़ते रहोगे और अगर दुःख है तो उस दुस्ख से हताश नहीं होना चाहिए।

क्योकि अगर आप दुःख में हतास हो जाओगे तो आपको वो हताशा जकड लेगी और फिर आप उससे उबार ही नहीं पाओगे और ये अआपके जीवन की असफलता का मुख्य कारन बन जाएगी। इसलिए दुःख में भी धैर्य बनाए रखे जिससे आपको उससे उबरने का नए आयाम मिलेंगे।

2. हमारे मित्र कौन-कौन हैं

ये बात आज के व्यापार जगत में अस्ब्को दयां में रखनी चाहिए। चाणक्य जी ने अपने आप को पहचानने के साथ अपने मित्रो का भी सही आकलन करने को कहा है।

उन्होंने कहा है की आपका मित्र कोन है उसको पहचानो क्योकि आपके मित्र वेश में आपका कोई क्षत्रु भी हो सकता है। अगर आप मित्रता की आड़ में छुपे क्षत्रु को नहीं पहचान पाए तो समझ लेना की ये आपको कही का नहीं छोड़ेगा।

उन्होंने मित्र से मदद लेना भी अच्छा बताया लेकिन उन्होंने ये भी कहा की अगर आपने गलती से मित्र बने व्यक्ति से कभी मदद लेली तो वो अभी या आगे चलकर कभी न कभी बहुत ही भयावह साबित होगी,

मित्र चाहे व्यापार जगत में हो या देनिक जीवन में कही भी बनाओ चाणक्य की इस nitp chanakya neeti को जरुर ध्यान में रखे।

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3. यह देश कैसा है

जिस तरह चाणक्य की पहली बात में समय को पहचानने को कहा गया उसी प्रकार दूसरी बात में मित्र को पहचानने को कहा उसी प्रकार तीसरी बात में हमें देश को पहचानने को कहा गया है।

हम जिस स्थान पर रहा रहे है उस स्थान में रहने वाले लोगो का व्यवहार केसा है उनके साथ व्यापार किया जा सकता है या नहीं या उनके विचार हमसे कितने अलग है।

आपका जो भी निवेश है वो उनके द्वारा स्वीकार्य है या नहीं ये बाते देश या स्थान को समझने के लिए काम में आती है। अगर आपने देश को सही पहचान लिया तो अवः आप व्यापार कर सकते है।

आज के व्यापार जगत में ये बाते काफी फायदा देने वाली होती है तथा किसिस भी काम्पनी का अगत\र कोई प्रोजेक्ट बनता है तो इसको शामिल किया जाता है।

4. हमारी आय और व्यय की सही जानकारी

ये बात छोटे से लेकर बड़े व्यापारी के लिए तथा घर चलाने वाल एक आम आदमी के लिए भी बहुत ही जरुरी है। अगर आपका क्रय विक्रय में सही तालमेल नहीं है,

तो आप कभी भी सफल नहीं हो पाओगे। चाणक्य नीति में भी यही कहा गया है की आय से अधिक अगर व्यय होगा तो वो हमेशा पतन का कारन बनेगा।

इसलिए हमेश ये ध्यान रखे की आपकी आय से अधिक व्यय नहीं हो। तथा chankya niti में इसके बारे में भी जोर दिया गया है की खर्च से ज्यादा या थोड़ी ज्यादा आय होनी चाहिए जिससे थोडा धन संजय हो जाये और वो मुस्किल वक्त में काम आये।

5. मैं किसके अधीन हूं

उपरोक्त शिर्सक से ये सन्देश दिया गया है की आप किसी पोजीशन पर हो। आप ऐसा क्या करे जिससे आपके मालिक, राजा या सरकार को फायदा हो और उनको समृधि मिले।

इसी प्रकार आप अगर राजा झो सरकार, या किसी व्यपार के बड़े व्यापारी हो तो आप ऐसा क्या करे जो आपके अधीन काम कर रहे है उनको फायदा मिले।

6. मुझमें कितनी शक्ति है

ये बात भी अपने आप का सही आंकलन करने को प्रेरित करती है। इसमें ये कहा गया है की आपको अपने स्याम की सक्तियो की सही पहचान करनी जरुरी है,

जिससे आप उन सक्तियो का उपयोग कर सफलता के लिए काम में ले सकते है। अगर आपने अपनी शक्तियों, हुनर और सामर्थ्य को सही पहचान लिया तो आप उनके हिसाब से बेहतर काम कर सकते है और सफलता पाने के आशार बाद जाते है।

Verdict

आशा करते है आपको ये chanakya niti in hindi का पोस्ट पसंद आया होगा< वेसे तो इन्होने बहुत सि बाते बताई जिनको आप इनके मुख्य ग्रन्थ से निकल कर पड़सकते है। अगर आपको भी उनके कुछ प्रसिद्ध कथन याद है तो आपम्मेंट में जाकर हमेंताइ है।

हालाँकि चाणक्य निति ये आगे बड़ने और समय के हिसाब से समय को भुनाने की निति है, जो आमतोर पर आजकल ट्रेंडिंग कंपनिया करती है,

इसलिए आगे बड़ने के लिए चाणक्य निति या सिथान्तो का प्रयोग किया जाता है और हम भी इतने सालो बाद भी पड़ते है.

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