दोस्तों आज के इस पोस्ट में हम बाबची बीज के उपयोग बारे में बात करेंगे। बाबची बीज जिसे इंग्लिश में Psoralea corylifolia पसोरला कोर्य्लिफोलिया सीड्स कहते है इनका भी Ragi और Flax Seeds की तरह बहुत महत्त्व है।
आर्युवेद के ज्ञाता बाबा रामदेव ने भी इसके कई गुणों को बताया था और इसके सेवन करने की राय दी थी | पतंजलि ने अपने प्रोडक्ट लिस्ट में इसे भी सामिल किया है आप इसे पतंजली से भी खरीद सकते हो|
जिस प्रकार प्रकृति ने हमें अनेको उपहार दिए है अगर हम उनका सही उपयोग करना जान ले तो हम उसे मानव कल्याण के रूप में काम में ले सकते है|
आप कोई भी प्राकृतिक वास्तु जेसे Celery या Green Tea देख ले सबकी एक उपयुक्त गुणवक्ता होती है अगर उसको पहचान ले तो वो हमारे बहुत काम आ सकती है | Psoralea corylifolia Seeds भी एक उपयोगी वास्तु है जिसका सही उपयोग करे तो बहुत फायदेमंद साबित हो सकती है|
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बाबची बीज Psoralea corylifolia in Hindi
बाबची बीज (psoralea corylifolia) का आयुर्वेद में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। ये एक छोटा सा पोधा होता है जिसकी लम्भी एक दो फूट होती है| इसकी पत्तिय छोटी छोटी हाथ की उंगली के सामान होती है|
इसके फुल भी निकलते है जो गुलाबी रंग के होते है, जब फुल झाड़ते है तो फलिया लगटी है, उन्ही फलियों में बाबजी सीड या बाबजी के बीज लगते है| इनके बीजो में एक मोहक सुगंध भी आती है. इन्ही बीजो की ओषधिय गुणों के कारण काम में लिया जाता है |
इनका स्वाद मीठा तथा हल्का कडवाहट लिए होता है| इसको रसायन को चिकर, सारक, त्रिदोषध्न ठंढ़ा माना है| इसके कई अन्य नाम भी है,
जो भारत के विभिन्न इअलाको में अलग अलग बोलियों में बोले जाते है जेसे कि बेजानी, कालमेषिका, शूलोत्था, कांबोजी, अबल्गुजा, ऐंदवी, सुपर्णिका पूतिफला, , वाकुची, कृष्णफल, सोमराजी आदि|
बाबची के उपयोग Use Of Psoralea corylifolia
आइये आज जानते है बाबची बीज के बारे में जिसका उपयोग सदियो से चला आ रहा है । तमिल सिद्ध पद्धिति और चीनी पद्धिति में भी इसका अहम स्थान है।
1. बांझपन में –
वेसे तो बहुत सारे गर्भधारण के फ़ास्ट तरीके है लेकिन कई बार वो भी विफल जाते है, बांझपन का निवारण Psoralea corylifolia के द्वारा भी किया जा सकता है|
इसके लिए आप अग्रलिखित उपचार कर सकते है| मासिक धर्म की शुद्धि के बाद इसके बीज को तेल में पीसकर योनि में रखने से गर्भधारण की क्षमता बढ़ती है| अगर आप को फायदा मिले तो आप Prega news के उपयोग से pregnancy की जाच भी कर सकते है और बाद में गर्भ मे लडका होने के लक्षण का पता भी कर सकते है|
2. रोगों के उपचार में –
जिस प्रकार आप Masoor Dal दस्त के लिए उपयोगी है उसी प्रकार ये भी बहुत फायदेमंद है| इसका उपयोग दस्तावर (पेट साफ करने वाला), कफ, रक्तपित्त, दमा, कुष्ठ रोग, प्रमेह (वीर्य विकार), कृमि रोग, पीलिया आंतो के रोग आदि रोगों में बहुत लाभकारी है।
3. गाँठ
माना जाता है की गाँठ में भी इसका उपोयोग ल्फ्दायक होता है इसके बीजो को गाँठ पर बाधा जाता है जिससे इसको ठीक होने में असहनी होती है,
4. गुप्तांग –
गुप्तांग सम्बन्धी रोग में भी ये गुणकारी है। इसके उपयोग की पूर्ण विधि अभी तक हम नहीं मिली अगर मिलेगी तो हम जरुर शेयर करेंगे,
5. सफेद दाग –
सफेद दाग और चर्मरोगों में तो ये रामबाण इलाज है। क्योकि सफेद दाग का कोई इलाज नही है बस इसे ज्यादा बढ़ने से रोक जा सकता है ।
बाबची के बीज 50 ग्राम मात्रा में 3 दिन तक पानी मे भिगोकर रखे रोज पानी बदलते रहे बीजो को मसलकर सूखा ले पीसकर पाउडर बना ले 1.5 ग्राम पाव भर दूध के साथ सेवन करे। इसी चूर्ण को गिसकर पेस्ट बना ले ये पेस्ट दिन में 2 बार सफेद दाग पर लगाये अवश्य लाभ होगा ।
6. मूत्र समस्याओ में
इसके बीज का उपयोग बार बार पेशाब करने, बिस्तर गिला करने, ओर टीबी जैसे रोगों का उपचार में भी उपयोगी है। तथा एक फल Avocado जो प्रोटेस्ट कैंसर की रोकथाम करता है उसका भी उपयोग कर सकते है|
7. फोड़ो में
फोड़ो से रक्त निकल रहा है तो इसके बीज को पीसकर बांध देने से आराम मिलता है।
8.दांतों में
दांतों की समस्या एक आम समस्या है क्योकि उचित खानपान की आदते न होने से कीड़े आम बात हो गयी है| दांतों के कीड़े मारने में भी उपयोगी है, दांतों तथा मसुडो के रोगों में ग्रीन टी भी काफी उपयोगी मानी जाती है, तथा Celery का प्रयोग भी आप कर सकते है,
9. खांसी में
जिस प्रकार Celery उपयोग खांसी में होता है उसी तरहा Psoralea corylifolia का भी उपयोग खांसी में कर सकते है| ये भी खांसी को ठीक करने में भी उपयोगी है 1 आधा चम्मच बीजो का चूर्ण अदरक के रस क साथ दिन में 2 3 बार सेवन करने से खांशी में आराम मिलेगा और कफ ढीला होकर निकल जायेगा|
10. मुहांसे और दाद
म्हान्सो में घर के Beauty Tips भी बहुत काम में आते है| मुहांसे और दाद खाज खुजली में भी इसके बीजो का तेल सुबह शाम नियमित रूप से लगाने से बहुत लाभ होगा| अगर आपको खुजली आदि की ज्यादा समस्या है तो आप Oats का भी उपयोग कर सकते है|
11. बवासीर में –
बवासीर में हरद, सोंठ और बाबची क बीज मिलाकर पिस ले आधा चम्मच की मात्रा में गुड क साथ सुभ शाम रोज़ सेवन करने से लाभ मिलता है | बवासीर मुख्यतया मोटापे और उचित खानपान न करने से होता है इसके लिए आप Quinoa का उपयोग करे क्योकि ये मोटापे के साथ Cholesterol भी कम करता है |
Verdict
दोस्तों आशा करते है आपको ये Psoralea corylifolia in Hindi का पोस्ट जरुर पसंद आया होगा| अगर आपको भी कोई बाबची बीज के बारे में उपयोगी बात मालूम हो तो हमें जरुर बताये| आप हमें कॉमेंट्स के जरिये भी इस पोस्ट के सुधर के बारे में अपनी राय दे सकते है|