सोरायसिस के कारण, लक्षण और उपचार

सोरायसिस के कारण क्या है, इसके लक्षण क्या है और घर में इसका क्या उपचार है आज के इस पोस्ट में हम जानेंगे, दोस्तों जेसे की आपको मालुम है की सोरायसिस आजकल एक आम बीमारी है जो स्किन में हो जाती है,

अगर सही से इसका इलाज किया जाए तो ये असहनी से सही हो सकती है, लेकिन इसको इगनोरे किया जाए तो ये काफी बड सकती है, चलिए आज हम आपको बताते है सोरायसिस के बारे में पूरा :-

सोरायसिस बीमारी (Psoriasis In Hindi)

सोरायसिस एक ऐसी समस्या है, जिसमें रोगी की रोग प्रति रोधक क्षमता, अति सक्रीय होती है और वह त्वचा के एक हिस्से पर लगातार आक्रमण करना शुरू कर देती है। इससे उस स्थान की  कोशिकाएं तेजी से नष्ट होती रहती हैं और उस स्थान पर तेजी से नई कोशिकाएं बनती रहती हैं।

यह विकार ज्यादातर घुटनों, कोहनी, हथेली और खोपड़ी में होता है। पर यह शरीर के अन्य भागों में भी हो सकता है। कभी-कभी यह समस्या इतनी बढ़ती है कि उस हिस्से से रक्त स्त्राव भी शुरू हो जाता है।

सोरायसिस एक त्वचा रोग है जो ज्यादातर त्वचा के उपरी ताक में या घुटनों और कलाइयों के जोड़ों में पाया जाता है। इस रोग में त्वचा पर लाल छाले और त्वचा का अधिक होना, खुजली, जलन और थकान का अनुभव होता है।

सोरायसिस के कारण शरीर के रक्त में जहरीली वस्तुओं का जमाव होता है जिससे त्वचा की अवधि तेजी से बढ़ती है। इसके अलावा इसे जीवाणु और फंगल संक्रमणों के कारण भी हो सकता है।

दवाइयों का उपयोग: सोरायसिस के उपचार के लिए डॉक्टर आमतौर पर क्रीम या लोशन का परामर्श देते हैं जो सोरायसिस के लक्षणों को कम करते हैं। उन्हें एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाओं, स्टेरॉइड क्रीमों, सालिसिलिक एसिड युक्त क्रीमों या कॉर्टिकोस्टेरॉइड क्रीमों की भी सलाह दी जा सकती है।

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सोरायसिस

सोरायसिस का कारण? (Psoriasis Causes In Hindi)

शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली में गड़बड़ और टी-कोशिकाओ और श्वेत रक्त कणिकाए में हुई गड़बड़ी की वजह से होता है| गड़बड़ी की वजह से ये कोशिकाए हमारी त्वचा की कोशिकाओ का उत्पादन तेज कर देती है और हमें यह बीमारी हो जाती है |

साथ ही अगर आप त्वचा के संक्रमण से पीड़ित है, अनुवांशिकता, जल जाने, धुम्रपान और शराब का सेवन, विटामिन डी की कमी, सोरायसिस के मरीज से संपर्क बनाने से भी यह हो सकता है |

सोरायसिस का कारण ठंडी और सूखी त्वचा, जीवाणु या संक्रमण, तंत्रिका समस्याएं, तनाव, और आम जीवाणु आक्रमण हो सकते हैं। विशेष रूप से, सोरायसिस एक ऑटोइम्यून रोग होता है, जिसका मतलब होता है कि शरीर के रोग प्रतिरक्षा प्रणाली अपने ही शरीर के कोशिकाओं के विरुद्ध हमला करती है। यह विशेष तरीके से शरीर के त्वचा को प्रभावित करता है।

सोरायसिस  के लक्षण (Symptoms Of Psoriasis In Hindi))

त्वचा पर सुजन, पपड़ी जैसा बनना, खुजली, जलन होना, नाख़ून मोटे हो जाना, जोड़ो में दर्द, त्वचा का फटना उसमे से खून आना आदि इस रोग के प्रमुख लक्षण है |

सोरायसिस के लक्षण आमतौर पर त्वचा पर सफेद रंग की छोटी-छोटी चकत्ते होती हैं जो धीरे-धीरे बड़ी होती जाती हैं। इन चकत्तों के साथ-साथ खुजली और जलन सहित सूखी त्वचा की समस्या भी हो सकती है। कभी-कभी यह त्वचा पर लाल रंग की चकत्ते भी होती हैं जो आमतौर पर बॉडी के विभिन्न हिस्सों में दिखती हैं। सोरायसिस के लक्षणों की जांच के लिए डॉक्टर से परामर्श करना जरूरी है।

इसके अलावा, अधिकतर मामलों में, सोरायसिस के लक्षण त्वचा के अन्य हिस्सों के साथ-साथ नाखूनों में भी हो सकते हैं जिन्हें उंगलियों के चारों ओर या पैरों के तलवों पर भी देखा जा सकता है।

ये थकान, अधिक पसीना आना, त्वचा की अधिक खुजली, त्वचा की रूखाई और जलन, त्वचा का चिकनापन और जोड़ों के दर्द भी हो सकते हैं। सोरायसिस जोड़ों के दर्द को भी प्रभावित कर सकता है जिससे उनमें सूजन और असहनशीलता भी हो सकती है।

सोरायसिस के नुकसान

सोरायसिस एक त्वचा समस्या है जो कि दोषित रक्त संचार या अधिक रक्त शरीर की त्वचा के कुछ हिस्सों में जमा हो जाने से होती है। इससे त्वचा पर लाल और सफेद छिपकली जैसे चकत्ते बन जाते हैं। सोरायसिस के नुकसान निम्नलिखित हो सकते हैं:

  1. स्किन इनफेक्शन: सोरायसिस के छिपकलियों में इंफेक्शन हो सकता है जो त्वचा को खराब कर सकता है।
  2. सोरायसिस की जटिलता: कुछ मामलों में, सोरायसिस बहुत जटिल हो सकती है और इससे त्वचा में दर्द या खुजली हो सकती है।
  3. अधिक अंगूठे: सोरायसिस वाले लोगों के उंगलियों के अंगूठे विकसित हो सकते हैं, जो कि उन्हें अधिक मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
  4. सामाजिक अलगाव: सोरायसिस के कुछ मामलों में, लोगों को त्वचा के इस समस्या के कारण सामाजिक अलगाव का सामना करना पड़ता है।
  5. अधिक तनाव: तनाव सोरायसिस को बढ़ा सकता है या इसे बढ़ावा दे सकता है।

सोरायसिस  का इलाज (Ayurvedic Treatment For Psoriasis In Hindi)

सोरायसिस का कोई परमानेंट इलाज नहीं है| इसका उपचार करना काफी मुश्किल होता है। पर आप कुछ प्राकृतिक और प्रभावी घरेलू उपचार अपनाकर इसके लक्षणों को कंट्रोल कर सकते हैं और इन्फेक्शन को रोक सकते हैं। इसके साथ ही अपने डॉक्टर से भी जाँच करे।

यहाँ पर सोरायसिस को ठीक करने के सबसे कारगर आयुर्वेदिक घरेलू इलाज दिए हैं :

  • खाने में हल्दी का प्रयोग ज्यादा करे, इसकेउपयोग से यह बीमारी जल्दी ठीक होती है | हल्दी को सोरायसिस पर सीधे लगा भी सकते हैं। एक चम्मच हल्दी के पाउडर पानी डालकर पेस्ट तैयार करें। इसे प्रभावित क्षेत्र में लगायें और ऊपर से कपड़ा बांध लें। इसे रातभर लगा रहने दें और अगले दिन सुबह साफ पानी से धो लें। इस उपचार को आप रोज कर सकते हैं।
  • आइस पैक सोरायसिस के कारण होने वाली खुजली और जलन को कम करने में मदद कर सकता है। साथ ही यह तंत्रिकाओं को सुन्न करता है, जिससे दर्द का अनुभव कम होता है। कुछ बर्फ कुछ टुकड़ों को टॉवल या कपड़े में बांधकर सोरायसिस पर १० मिनट के लिए रखें। इसे हर दो घंटे में एक बार करें।
  • ताजे केले के छिलकों को त्वचा पर मले| इससे सूजन और लालिमा कम होगी| यह उपाय आप दिन में कई बार कर सकते हैं|
  • सुबह सुबह एक गिलास करेले का जूस पिए| सोरायसिस के लक्षणों को कम करने में सहायक है|
  • एक चम्मच जैतून का तेल लेले  इसमें दो तीन बूंद अजवाइन का तेल मिला लें| अब इस तेल को प्रभावित क्षेत्र पर लगाकर आप 5 से 10 मिनट तक मालिश कर सकते हैं|  मालिश काफी फायदेमंद साबित होगी|
  • नीम त्वचा के संक्रमण में कारगर साबित होते हैं|यह खुजली और सूजन को भी कम कर देता है| प्रभावित क्षेत्र पर नीम का तेल लगाले|

सोरायसिस का इलाज कई तरीकों से किया जाता है। यह रोग ठीक नहीं होता है, लेकिन इसे नियंत्रण में रखा जा सकता है। इसका इलाज निम्नलिखित तरीकों से किया जा सकता है:

  1. दवाइयों का सेवन: सोरायसिस के इलाज के लिए कुछ दवाइयों का सेवन किया जाता है। इन दवाओं में से कुछ बाहरी और कुछ आंतरिक दोनों तरह की होती हैं। ये दवाएं जड़ से नहीं मरती हैं लेकिन इन्हें लेने से सोरायसिस के लक्षणों में कमी आती है।
  2. त्वचा की देखभाल: सोरायसिस के मरीजों को नियमित त्वचा की देखभाल करनी चाहिए। यह उन्हें लगातार दुबारा नहीं होने देता है। इसलिए उन्हें रूखी त्वचा से बचना चाहिए। उन्हें त्वचा की अच्छी देखभाल के लिए कुछ उपायों को अपनाना चाहिए जैसे कि नियमित तौर पर त्वचा को मोइस्चराइज़ करना और दूसरी स्किन केयर उत्पादों का उपयोग करना चाहिए।

क्या सोरायसिस छूने से फैलता है?

नहीं, सोरायसिस छूने से फैलने वाली बीमारी नहीं है। सोरायसिस एक अधिकृत त्वचा विशेषज्ञ द्वारा उपचार किया जाने वाला रोग है। इसे त्वचा के कुछ हिस्सों पर निशान या बड़े आकार के त्वचाविकार के रूप में वर्णित किया जाता है। इसका कारण त्वचा की त्वचा की रक्तसंचार में संकट होना होता है जिससे त्वचा पर लाल चकत्ते बन जाते हैं। इसे अधिकतर लोगों में उम्र बढ़ने पर होता है, लेकिन कुछ लोगों में यह बचपन से होता है।

सोरायसिस का कारण विभिन्न हो सकते हैं जैसे कि जीनेटिक अधिकता, अन्य संक्रमण या शरीर के इम्यून सिस्टम में दोष। यह जनलेवा नहीं होता है, लेकिन यह बीमारी बहुत असुविधाजनक हो सकती है जो व्यक्ति के तन, मन और आत्मा पर असर डालती है। इसलिए अगर आपको इस तरह के लक्षण होते हैं तो आपको एक त्वचा विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए।

किन लोगों को होता है सोराइसिस,

सोराइसिस एक त्वचा संबंधी बीमारी है जो किसी भी उम्र में व्यक्ति को हो सकती है। हालांकि, यह आमतौर पर बालों के साथ जुड़ी हुई शरीर की त्वचा पर प्रभावित होती है।

यह बीमारी निम्नलिखित लोगों में अधिक देखी जाती है:

  1. उन लोगों में जो परिवार में सोराइसिस से पीड़ित हों।
  2. जो उम्रदराज हैं, विशेष रूप से 50 साल से अधिक।
  3. जो मोटे हैं या ओबीजिटीव हैं।
  4. जो तंबाकू पीते हैं।
  5. जो अत्यधिक तनाव या चिंता से ग्रस्त हैं।
  6. जो एचआईवी इन्फेक्शन से पीड़ित हैं।
  7. जो कुछ विशेष दवाओं (जैसे बेटा ब्लॉकर्स, लिथियम, एंटीमलेरियल दवाएं) का उपयोग करते हैं।

सोरायसिस के लिए साबुन

सोरायसिस के लिए कुछ साबुन उपलब्ध हैं, जो इस समस्या को कम करने में मदद कर सकते हैं। ये साबुन आमतौर पर एक्जिमा या सोरायसिस जैसी त्वचा समस्याओं के लिए बनाए गए होते हैं।

कुछ लोग नीम साबुन का उपयोग करते हैं, जो सोरायसिस के लिए उपयोगी हो सकता है। नीम के साबुन में नीम के पत्तों और त्वचा को ठंडा करने वाले तत्व होते हैं जो सोरायसिस के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं।

अन्य साबुनों में सलिसिलिक एसिड और कोयलिक एसिड जैसे तत्व होते हैं जो सोरायसिस के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। सलिसिलिक एसिड त्वचा के अतिरिक्त त्वचा को त्वचा के ऊपरी तहत के साथ उठाने में मदद कर सकता है जो सोरायसिस के लक्षणों को कम कर सकता है। कोयलिक एसिड त्वचा की खुजली और सुखापन को कम कर सकता है जो सोरायसिस के लक्षणों को कम कर सकता है।

सोरायसिस के लिए टेबलेट?

सोरायसिस के उपचार में कुछ टेबलेट का उपयोग किया जाता है, जिनमें शामिल हैं:

  • मेथोट्रेक्सेट (Methotrexate): यह टेबलेट सोरायसिस के उपचार में उपयोग किया जाता है। यह एक एंटी-फोलेट दवा होती है, जो त्वचा को स्वस्थ बनाने और इसमें से स्केल को कम करने में मदद करती है। इस दवा के सेवन से शरीर के अंगों के कुछ हिस्सों को नुकसान पहुंच सकता है, इसलिए इसका सेवन केवल डॉक्टर के निर्देशानुसार किया जाना चाहिए।
  • एक्सीथ्रोमाइसिन (Acitretin): यह टेबलेट त्वचा के स्केल को कम करने और इसे नर्म, स्वस्थ त्वचा में बदलने में मदद करता है। इस दवा का सेवन केवल डॉक्टर के परामर्शानुसार किया जाना चाहिए।
  • सिक्लोस्पोरिन (Cyclosporine): यह टेबलेट सोरायसिस के उपचार में उपयोग किया जाता है। इस दवा के सेवन से त्वचा के अंगों को नुकसान पहुंच सकता है, इसलिए इसका सेवन केवल डॉक्टर के निर्देशानुसार किया जाना चाहिए।

सोरायसिस का इलाज संभव है क्या?

हाँ, सोरायसिस का इलाज संभव है। अलग-अलग प्रकार की सोरायसिस के लिए विभिन्न इलाज मौजूद हैं जैसे कि दवाएं, क्रीम या औषधि से उपचार, लेजर थेरेपी, फोटोथेरेपी, स्केलिंग या डेस्केलिंग और उत्तेजक प्रतिक्रियाओं के लिए थेरेपी आदि। आपके लिए सबसे अच्छा इलाज आपकी सोरायसिस के स्थानांतरण और आपके लक्षणों के आधार पर आपके चिकित्सक द्वारा निर्धारित किया जाएगा।

सोरायसिस में क्या क्या नहीं खाना चाहिए?

सोराइसिस में आहार का विशेष महत्व होता है क्योंकि कुछ खाद्य पदार्थ सोराइसिस के लिए अनुकूल नहीं होते हैं। कुछ आहार जो सोराइसिस में खाने से बचना चाहिए, उनमें शामिल हैं:

  1. तली हुई चीजें: सोराइसिस वाले लोगों को तली हुई चीजें जैसे चिप्स, नमकीन, समोसे, वड़े और अन्य तले हुए खाने से बचना चाहिए।
  2. फल: कुछ फलों के सेवन से सोराइसिस बढ़ सकता है, जैसे कि सीट्रस फल और अधिक मात्रा में आम।
  3. अल्कोहल: सोराइसिस में अल्कोहल सेवन करने से बचना चाहिए, क्योंकि यह लक्षणों को बढ़ा सकता है और दवाओं के प्रभाव को कम कर सकता है।
  4. लाल मांस: सोराइसिस के मरीजों को लाल मांस से बचना चाहिए। इसमें मांस, मुर्गे का मांस, मछली, अंडे, दूध और दूध से बनी चीजें शामिल होती हैं।
  5. जंक फूड: सोराइसिस के मरीजों को जंक फूड से दूर रहना चाहिए। जंक फूड में भरपूर मात्रा में तला हुआ और रसायन भरा होता है,

सोरायसिस में क्या खाना चाहिए?

सोरायसिस में खाने के लिए निम्नलिखित आहार सम्पन्न भोजन सेवन करना फायदेमंद हो सकता है:

  1. ताजा फल और सब्जियां: फल और सब्जियां सोरायसिस जैसी त्वचा समस्याओं के लिए लाभदायक हो सकती हैं। फल और सब्जियों में विटामिन, मिनरल और फाइबर की अधिक मात्रा होती है, जो त्वचा के लिए अत्यंत आवश्यक होते हैं।
  2. हरे पत्ते वाले सब्जियां: पालक, मेथी और सरसों के पत्ते सोरायसिस के लिए बहुत फायदेमंद हो सकते हैं। इनमें विटामिन ए, सी और ई, कैल्शियम, फोस्फोरस, फोलिक एसिड और आयरन की अधिक मात्रा होती है।
  3. संक्रमण रोकने वाला भोजन: संक्रमण सोरायसिस को बढ़ावा देता है। इसलिए, आपको संक्रमण रोकने वाले भोजन को खाना चाहिए। इसमें प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थ शामिल हो सकते हैं, जैसे दही, चाशनी, कीफिर और अन्य एक्टिव कल्चर की वस्तुएं।
  4. अधिक पानी: सही मात्रा में पानी पीना त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होता है।

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