Surrogacy meaning in Hindi जानिए सरोगेसी है क्या

द्दोस्तो आपका हिंदी गगन में स्वागत है, आज में आपको Surrogacy meaning in Hindi के साथ  सरोगेसी है क्या ? इसका खर्च कितना आता है? ये भारत में कहा करवा सकते है, आदि के बारे में पूरी जानकारी दूंगा. सरोगेसी की मदद से पिता बने करण जौहर की वजह से यह मुद्दा काफी चर्चा में आ गया है अपनी बायोग्राफी द सूटेबल ब्वॉय में करण ने पिता बनने इच्छा जाहिर की थी सरोगेसी के जरिए जुड़वा बच्चों बेटा यश और दूसरी बेटी रूही के पिता बने हैं.

आपको बता दें इससे पहले जून 2016 में तुषार कपूर ने अविवाहित होते हुए सरोगेसी से अपने बेटे लक्की होने की घोषणा की थी तो सभी हैरान रह गए शाहरुख खान का तीसरा बच्चा अबराम की पैदाइश भी इसी 2013 में हुई थी अब राम का जन्म भी सरोगेसी के जरिए हुआ था

आमिर खान और किरण राव भी सरोगेसी की मदद से ही आजाद का जन्म हुआ था. जानिए surrogacy process step by step in Hindi तथा जाने इससे जुडी कुछ रोचक बाते:-

Surrogacy meaning in Hindi

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Surrogacy meaning in Hindi

दोस्तों Surrogacy का हिंदी में मतलब किराए की कोख होता है, जब कोई दम्पति माता पिता नहीं बन पाते तो वो किसी होस्प्तल में सम्पर्क करके किसी महिला की खोख को किराये पर लेते है, फिर चिकित्सको की देख रेख में उस महिला के अन्दर भ्रूण का प्रत्यारोपण करवाया जाता है, जब 9 महीने बाद उस महिला के बच्चा हो जाता है तो वो बच्चा वो दम्पति ले लेते है. 

सरोगेसी (Surrogacy) एक तकनीक है जिसमें एक महिला अपने गर्भ में उन जीवाणुओं के अंडों को धारण करती है जो एक दूसरी महिला द्वारा उत्पन्न किए गए हैं। इस तकनीक के माध्यम से, जो जोड़े बच्चे प्राप्त करने में असमर्थ होते हैं, वे अपने जीवन के अंतिम फैसले के रूप में सरोगेसी विकल्प का उपयोग कर सकते हैं। सरोगेसी के दो प्रकार होते हैं – व्यावसायिक सरोगेसी और अल्ट्रूइस्टिक सरोगेसी। व्यावसायिक सरोगेसी में, सरोगेट माता अपनी सेवाएं देकर पैसे कमाती है, जबकि अल्ट्रूइस्टिक सरोगेसी में, सरोगेट माता अपनी सेवाएं मुफ्त में उपलब्ध कराती है।

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क्या है सरोगेसी (What is Surrogacy in Hindi)

जेसा की meanings से स्पस्ट हो गया है सरोगेसी एक अन्य महिला और एक कपल के बीच किया गया एग्रीमेंट होता है जो अपना खुद का बच्चा चाहते हैं इस प्रक्रिया के जरिए उस प्रकार के माता-पिता संतान सुख पा सकते हैं जो किसी कारणवश अपना खुद का बच्चा पैदा नहीं कर सकते हैं

इस प्रक्रिया के तहत महिला उन दम्पति के बच्चे को 9 महीने तक अपनी कोख में पालती है और उसके जन्म के बाद उन्हें सौंप देती है, ये surrogate mother कहलाती है.

सरोगेसी प्रक्रिया में विवाद (Controversy in the surrogacy process)

कई बार होता है विवाद इस प्रक्रिया में एक बार बच्चे को जन्म देने के बाद उस मां का अधिकार उस बच्चे से पूरी तरह खत्म हो जाता है

लेकिन कई बार बच्चे को जन्म देने के दौरान है सरोगेट मां उस बच्चे से इमोशनल अटैच हो जाती है और अटैचमेंट की वजह से वह बच्चे को उनके बायोलॉजिकल पैरंट को देने से इनकार कर देती है ऐसी स्थिति में मामला कोर्ट तक पहुंच जाता है एडवोकेट प्रसाद के अनुसार है कुछ समय पहले हमारे पास सरोगेसी से जुड़ा किया था

जहां जापान से आए फॉरेन दंपति ने प्रीति बैंक मेहता की कोख उधार ली थी कुछ समय बाद दंपति में प्लेस होने की वजह से डिवोर्स हो गया ऐसे में जापानी पत्नी ने बच्चे को अपनाने से इनकार कर दिया था मामला बढ़ जाने पर कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा स्थिति इतनी खराब हो बच्चे की मां के तीन दावेदार खड़े हुए थे

How to get Pregnant in Hindi

एक प्रीति पर दूसरी जापानी मां और तीसरी महिला जिसमें अपना भ्रूण दीया था इस मामले के बाद गारमेंट ने नियम कानून बनाने की सोची दूसरी और कई बार ऐसा भी होता है जब जन्म लेने वाली संतान विकलांग होती है या अन्य किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त होती है तो एक शब्द पति उसे लेने से इनकार कर देता है इस स्थिति में भी विवाद होता है

इसके अलावा अगर कोई फॉरेन कंट्री की है दंपति यहां से लोकेशन का सोचती है तो बच्चे की नेशनलिटी पर भी कई तरह के सवाल खड़े हो जाते हैं

आता है लाखों का खर्चा (The expense in Surrogacy)

मुंबई के हिंदुजा हॉस्पिटल के डॉक्टर है इंदिरा के अनुसार यहां सरोगेसी के लिए आने वाले ज्यादातर के ऐसे होते हैं जिनका IVF फैल हो जाता है या फिर दिन महिलाओं को कंसीव करने में दिक्कत होती है मेडिकल प्रॉब्लम से ग्रसित दंपति ही सरोगेसी का प्रयास सुनता है

अब सेलिब्रिटीज के आने के बाद या ट्रेड में आ रहा है, हलाकि कुछ यूथ और महिलाएं भी इंक्वायरी के लिए आती है लेकिन हम उन्हें यही सलाह देते हैं कि अगर वह समर्थ हैं तो कंसीव करें कई बार अरे पैसे की बात सुनकर भी अपना मन बदल लेते हैं

क्योंकि इस पूरे प्रोसेस में 3 से 500000 का खर्च आता है अगर ट्विंस बच्चा है तो खर्च बढ़कर पांच से सात लाख तक पहुंच जाता है बायोलॉजिकल कपल कंसीव करने वाली महिला का स्पेशल केयर करते हैं

कोई रिस्क नहीं लेना चाहता है Commercial surrogacy

अट्रैक्शन ऑफ गायनिक सोसायटी ऑफ इंडिया के सेक्रेट्री जनरल डॉक्टर ऋषिकेश के अनुसार इंडिया में सरोगेसी का ट्रेंड 2013 तक बहुत ज्यादा था इस दौरान हम सिंगल पैरंट पर आधी सब की सरोगेसी धड़ल्ले से की जाति लेकिन कुछ विवादों की वजह से मिनिस्ट्री ने इस पर कई तरह के रोग लगाए थे,

क्या से किसी फॉरेनर्स दंपति की सरोगेसी नहीं की जाएगी या फिर सिंगल पैरंट सेरोगेसी नहीं कर उस वक्त के बाद इन सब पर लगाम लगा दी गई कोई डॉक्टर किस पर रिस्क नहीं लेना चाहता है

सरोगेसी में कितना खर्च आता है?

सरोगेसी एक लंबी और खर्चीली प्रक्रिया होती है। खर्च की राशि विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है, जैसे कि आपके द्वारा चयनित सुरोगेट मदर, उसके स्वास्थ्य की स्थिति, आपके चयनित विविाहदाता क्लिनिक या अस्पताल आदि।

सामान्य रूप से, सरोगेसी खर्च का आंकड़ा 8 लाख रुपये से 15 लाख रुपये तक होता है। यह राशि संभवतः सबसे कम हो सकती है अगर आप एक सुरोगेट मदर से संपर्क कर रहे हैं जो आपके अधीन होती हैं और सरोगेसी का खर्च संभवतः सबसे ज्यादा हो सकता है अगर आप एक अस्पताल या क्लिनिक का चयन करते हैं जो बहुत ज्यादा खर्च करते हैं।

इसके अलावा, आपके देश और राज्य में लागू होने वाली कुछ नियम भी इस खर्च को प्रभावित करते हैं। आपको सलाह दी जाती है कि आप अपने राज्य और देश के संबंधित नियमों को समझें और उनसे पहले सरोगेसी खर्च के बारे में समझ प्राप्त करें।

सरोगेसी से बच्चा कैसे पैदा करते हैं?

सरोगेसी (surrogacy) एक प्रक्रिया है जिसमें एक महिला दूसरी महिला के लिए गर्भधारण करती है और उसके बच्चे को जन्म देती है। यह तभी की जाती है जब उपयोगकर्ता महिला या उपयोगकर्ता जोड़ा नामुमकिन कारणों से अपने बच्चे को स्वयं नहीं पैदा कर सकते हों।

सरोगेसी की प्रक्रिया विभिन्न चरणों में विभाजित होती है, जिसमें उपयोगकर्ता महिला के अंडों को उत्तेजित करने वाली दवाओं या हॉर्मोनों का इंजेक्शन दिया जाता है, फिर उनका एग्जामिनेशन कर एक महिला चयनित की जाती है जिसे सरोगेट मदर के रूप में अभिनय कराया जाता है। फिर उपयोगकर्ता महिला या उपयोगकर्ता जोड़ा अपने शुक्राणु के साथ अंडों को उत्तेजित करने वाले दवाओं का इंजेक्शन देते हैं, जिससे एक अंडा तैयार होता है। इस अंडे को स्पर्म के साथ फ्यूज कर बच्चे के लिए एक भ्रूण बनाया जाता है, जो फिर सरोगेट मदर के गर्भ में रखा जाता है।

सरोगेसी का विकल्प कौन चुन सकता है?

सरोगेसी एक विकल्प होता है जब किसी महिला को खुद गर्भ धारण करने में समस्या होती है, और इसलिए वह दूसरी महिला के गर्भावस्था को धारण करती है। इसके लिए, जोड़े जो बच्चा पालने की क्षमता रखते हैं लेकिन अपना बच्चा नहीं पैदा कर सकते हैं, सरोगेसी के लिए विकल्प चुन सकते हैं। इसके अलावा, जब कोई महिला बच्चा पैदा करने के लिए चुनौती भरती है, जैसे कि वह बार-बार गर्भपात करती है, तो भी सरोगेसी एक विकल्प हो सकता है।

सरोगेसी में पहला कदम क्या है?

सरोगेसी में पहला कदम उत्पादक कंपनी के साथ आवेदन करना होता है। उत्पादक कंपनी आपको सहायता करेगी एक सुविधा प्रदान करने के लिए जो संबंधित कानूनों और नियमों के अनुसार होगी। इसके लिए, आपको उत्पादक कंपनी से संपर्क करना चाहिए और उनसे सरोगेसी के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया, शर्तें और उनकी आवश्यकताओं को समझने की सलाह दी जाती है।

क्या सरोगेसी से सिंगल पुरुषों के बच्चे हो सकते हैं?

नहीं, सरोगेसी उपलब्धियों के लिए, एक स्त्री की गर्भावस्था के दौरान एक समझौता करना होता है, जिसमें वह अपने गर्भ को दूसरी स्त्री को सौंपती है जो उस बच्चे को पैदा करती है। इसलिए, सिंगल पुरुष सरोगेसी के लिए यह विकल्प उपलब्ध नहीं है।

सरोगेट के कितने बच्चे हो सकते हैं?

सरोगेसी के माध्यम से एक बच्चा होता है, लेकिन यह बच्चा एक गर्भवती महिला द्वारा बहाल किया गया होता है। सरोगेसी के दौरान कई बार एक से अधिक गर्भाधान किया जाता है, लेकिन फिर भी केवल एक बच्चा ही जन्म देता है।

सरोगेट से बच्चा होने में कितना समय लगता है?

सरोगेसी या सुर्रोगेसी के माध्यम से बच्चे का जन्म होना एक लंबा और विस्तृत प्रक्रिया होती है जो कि विभिन्न कारणों से अलग-अलग समय तक बढ़ सकती है। सामान्यतया, संगमरमर विवरणों के अनुसार, सरोगेसी से बच्चा होने में कुछ महीने लग सकते हैं। प्रक्रिया के मुख्य चरण शामिल होते हैं जैसे डॉक्टर से संपर्क करना, इंजेक्शन देना, गर्भधारण, गर्भाधान के बाद की देखभाल आदि। समय के साथ-साथ, संभवतः ही सरोगेट व मातृ दोनों की स्वास्थ्य तथा उनके शारीरिक स्थिति पर निर्भर करता है कि बच्चा होने में कितना समय लगेगा।

लोगों को सरोगेट क्यों मिलते हैं?

लोग सरोगेट के लिए अनेक कारण हो सकते हैं। कुछ विभिन्न कारण निम्नलिखित हैं:

  1. मातृत्व अवसाद: कुछ महिलाएं अपने बच्चे को जन्म नहीं दे पाती हैं या उन्हें बच्चे को जन्म देने के लिए शारीरिक योग्यता नहीं होती है। ऐसी स्त्रियों को सरोगेट मदर की आवश्यकता हो सकती है।
  2. समलैंगिक जोड़े: समलैंगिक जोड़ों को बच्चे प्राप्त करने के लिए अपने स्पर्म या अंडों का उपयोग नहीं कर सकते हैं, इसलिए उन्हें सरोगेट मदर की जरूरत हो सकती है।
  3. मेडिकल कारण: कुछ बच्चों के जन्म के दौरान या उससे पहले मेडिकल समस्याएं होती हैं, जिससे माता जीवन खतरे में हो सकता है। इस स्थिति में, लोग सरोगेट की खोज कर सकते हैं।
  4. अन्य कारण: कुछ जोड़े जिन्हें अपनी कार्रवाई के बाद भी बच्चे नहीं होते हैं या जो एक समूह के हिस्से होते हैं और बच्चे प्राप्त करने में कठिनाई होती है, उन्हें सरोगेट मदर की मदद लेने की आवश्यकता हो सकती है।

सरोगेसी कानून क्या है?

सरोगेसी कानून देश के अनुसार भिन्न-भिन्न होते हैं। कुछ देशों में सरोगेसी पूरी तरह से कानूनी है जबकि कुछ देशों में यह कानूनी रूप से अस्पष्ट है या पूरी तरह से अवैध है। भारत में, सरोगेसी के लिए कुछ दिशानिर्देश जारी किए गए हैं और इसके लिए कुछ कानून हैं जो सरोगेसी माँ और उनके निजी डॉक्टरों या आगंतुकों को पालना चाहिए। इसके अलावा, कुछ देशों में सरोगेसी से संबंधित कानून में बदलाव होते रहते हैं।

सरोगेसी के लिए कौन सा देश सबसे अच्छा है?

सरोगेसी (Surrogacy) को अन्यायपूर्ण संबंधों से बचने और संतति प्राप्ति के लिए जगह-जगह इस्तेमाल किया जाता है। सरोगेसी के लिए दुनिया भर में कुछ देशों में कानूनी प्रक्रियाएं बनाई गई हैं।

भारत, अमेरिका, रूस, उक्रेन और जर्मनी जैसे देश सरोगेसी के लिए अधिक लोकप्रिय हैं।

हालांकि, यह जानना महत्वपूर्ण है कि सरोगेसी कानूनी मामले होते हैं और इसके लिए देशों के अलग-अलग कानून होते हैं। अतः, सरोगेसी के लिए सबसे अच्छा देश वह होगा जहाँ कानून इसे समर्थित करता हो और संबंधित सभी कानूनों और विनियमों का पालन किया जाता हो।

माता-पिता सरोगेसी क्यों चुनते हैं?

माता-पिता सरोगेसी का चयन अलग-अलग कारणों से करते हैं। कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:

  1. शारीरिक समस्याएं: कुछ महिलाओं के शारीर में गर्भ नहीं थरता या गर्भाशय में कोई बीमारी होने के कारण वे गर्भधारण करने में असमर्थ होती हैं। इस स्थिति में, सरोगेसी एक विकल्प हो सकता है।
  2. उम्र: उम्र के साथ, महिलाओं के शरीर में गर्भधारण की क्षमता कम हो जाती है। इस स्थिति में, माता-पिता सरोगेसी का चयन कर सकते हैं।
  3. जीवनशैली: कुछ जोड़ों की जीवनशैली ऐसी होती है जिसमें उन्हें बच्चे पालने का समय नहीं मिलता है। इस स्थिति में, सरोगेसी उनके लिए एक विकल्प हो सकता है।
  4. अन्यायपूर्ण संबंधों से बचाव: सरोगेसी जोड़ों को अन्यायपूर्ण संबंधों से बचाने में मदद कर सकता है, जैसे कि अविवाहित जोड़े या उन जोड़ों की जिन्हें बच्चे प्राप्त करने में समस्या होती है।

सरोगेट के बच्चा होने के बाद क्या होता है?

सरोगेसी के बच्चे के जन्म के बाद, कुछ देशों में यह बच्चा सीधे अपने अभिभावकों के होता है, जबकि कुछ देशों में संबंधों के बीच निर्धारित किए गए कथनों या अनुबंधों के अनुसार बच्चे का हक अभिभावकों के पास नहीं होता है।

अधिकतर मामलों में, सरोगेट मदर बच्चे को अपनी गर्भवती अवस्था के दौरान स्थानांतरित करती है, इसलिए वह उसके जन्म के बाद उसे नहीं देख सकती। बच्चे को उसके अभिभावकों या उन लोगों के पास सौंपा जाता है जिन्होंने सरोगेट मदर को चुना होता है।

बच्चे के जन्म के बाद, सरोगेट मदर के साथ एक अंतिम चेकअप भी किया जाता है ताकि उसे स्वस्थ होने की पुष्टि की जा सके। सरोगेट मदर के साथ दोस्ताना संबंध बनाए रखना एक अनिवार्य अंग है, ताकि वह उस अनुभव को सहजता से संभाल सके और अपने शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को फिर से प्राप्त कर सके।

आईवीएफ और सरोगेसी में क्या अंतर है?

आईवीएफ और सरोगेसी दोनों ही विभिन्न प्रतिक्रियावादी तकनीक हैं जो प्रजनन संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए उपलब्ध हैं। दोनों की मदद से जोड़े अपने बच्चों के जन्म के लिए प्रतिक्रियात्मक संभवताएं प्राप्त कर सकते हैं।

आईवीएफ, जो पूरे नाम से इनविट्रो फर्टिलिजेशन (IVF) होता है, एक तकनीक है जो अंडा और शुक्राणु के बीच गर्भाशय में अविरोधी माध्यम का उपयोग करते हुए प्रजनन प्रक्रिया को प्रभावित करता है। इसमें एक या एक से अधिक अंडे को लेकर पुरुष के शुक्राणु को पुष्टि करने के बाद, अंडों को लेकर महिला के गर्भाशय के बाहर ले जाया जाता है। फिर शुक्राणु को लेकर प्राप्त बहुत से शुक्राणुओं को अंडों के बीच डाला जाता है ताकि वे एक नया जीवन जन्माने के लिए मिल सकें।

टेस्ट ट्यूब बेबी कितनी उम्र तक हो सकता है?

टेस्ट ट्यूब बेबी, जिसे आईवीएफ तकनीक के माध्यम से जन्म दिया जाता है, आधुनिक तकनीक के माध्यम से बनाया जाने वाला बच्चा होता है। इस तकनीक के माध्यम से, जोड़े की जननी जगह के बाहर लेजी जाती है और फिर उसमें शुक्राणु डाले जाते हैं, जिससे एक नया जीवन जन्माया जा सकता है।

टेस्ट ट्यूब बेबी की उम्र आमतौर पर नैट्रल जन्म से जन्म के समय तक तय नहीं होती है। इस तकनीक के माध्यम से जन्मदाता जोड़े को प्राप्त होने वाले बच्चे की उम्र और विकास विभिन्न तत्वों पर निर्भर करते हैं, जैसे कि माँ की उम्र, शुक्राणु की गुणवत्ता, गर्भावस्था में माँ के स्वास्थ्य स्तर आदि।

अधिकतम उम्र आमतौर पर 45 वर्ष होती है, लेकिन यह आधार विशेष मामलों में भिन्न हो सकता है। एक दूसरे मामलों में, जोड़े के आयु सीमा अलग-अलग हो सकती है। इसलिए, जन्मदाताओं को अपने विशिष्ट मामलों के लिए एक विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।

महिलाएं कितनी उम्र तक मां बन सकती है?

मां बनना हर महिला के जीवन का एक महत्वपूर्ण अध्याय होता है। उनके शरीर में गर्भ निर्माण के लिए विभिन्न अंगों, समूहों और अंग्रेज़ों का उपयोग किया जाता है। उम्र की दृष्टि से, महिलाओं की शारीरिक विकास विभिन्न तत्वों पर निर्भर करता है जैसे कि उनकी आहार-विहार, शारीरिक संरचना, उपयोग किए जाने वाले दवाओं का प्रभाव आदि।

आमतौर पर, महिलाओं की बात करें तो, वे अपनी स्वास्थ्य और विकास के कुछ विशेष महत्वपूर्ण चरणों से गुजरती हैं जो मां बनने के लिए अहम होते हैं। मां बनने के लिए महिलाओं के अंतिम गर्भावस्था का उम्र 35 वर्ष होता है, लेकिन यह एक आम अनुमान है। अन्य महत्वपूर्ण तत्वों में से एक है, महिलाओं के शारीरिक विकास के लिए उनके अन्य स्तनों और अंगों के साथ-साथ उनकी जीवनशैली भी अहम होती है।

हालांकि, आधुनिक चिकित्सा विज्ञान ने महिलाओं के मां बनने की उम्र को बढ़ाने में सक्षम बनाया है।

प्रेग्नेंट होने की सबसे अच्छी उम्र कौन सी है?

प्रेग्नेंसी की उम्र महिला के शारीरिक और मनोवैज्ञानिक विकास के अनुसार भिन्न होती है। हालांकि, सामान्य रूप से, एक स्वस्थ महिला अपनी जीवनकाल में कई बार मां बनने के लिए सक्षम होती है।

शारीरिक उम्र की दृष्टि से, महिलाओं के बच्चे पैदा करने की सक्षमता में उतार-चढ़ाव होता है। शारीरिक विकास के दृष्टिकोण से बात करें तो, महिलाओं के शारीरिक संरचना और अवस्थानुसार गर्भावस्था की उम्र में अंतर होता है। सामान्यतया, महिलाओं की गर्भधारण की उम्र 20 से 35 साल के बीच होती है। इस उम्र सीमा में महिलाओं के शारीरिक और मनोवैज्ञानिक विकास की स्थिति गर्भधारण की सक्षमता को बढ़ाने में मदद करती है।

हालांकि, यह अनुमान नहीं है कि कोई महिला अपने 35 साल के उम्र के बाद मां नहीं बन सकती है। अधिकतर महिलाएं इस उम्र से भी बड़ी उम्र में भी मां बनने के लिए उत्सुकता रखती हैं। यहां यह बात ध्यान रखनी चाहिए कि उम्र सिर्फ एक तत्व होता है, नोर्मल 45 तक महिला माँ बन सकती है ।

सरोगेसी benefits

सरोगेसी के निम्नलिखित लाभ होते हैं:

  1. वंश के आगे बढ़ाना: स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण, कुछ लोग अपनी बायोलॉजिकल बच्चे को जन्म नहीं दे सकते हैं। सरोगेसी के माध्यम से, वे अपने वंश को आगे बढ़ा सकते हैं।
  2. वैकल्पिक परिवार विकलांगता में सहायता: सरोगेसी के माध्यम से, वैकल्पिक परिवार अपने बायोलॉजिकल बच्चे को जन्म देने की सहायता कर सकते हैं जिससे अविकलांगता से जुड़ी समस्याओं से निजात पा सकते हैं।
  3. समाज के लिए सहायता: वैकल्पिक परिवार वंश को बढ़ाने के साथ-साथ समाज की भी सेवा करते हैं। वे बच्चों को नए घर देते हैं जो अपने बायोलॉजिकल बच्चे को जन्म नहीं दे सकते हैं।
  4. स्त्री संरक्षण: सरोगेसी के माध्यम से, महिलाओं को जन्म देने के लिए प्रयास करने की आवश्यकता नहीं होती है। इससे महिलाओं को अपने शारीर को खतरे से बचाने में मदद मिलती है।
  5. दोस्ताना महसूस कराना: सरोगेट की मदद से,

सरोगेसी नुकसान

सरोगेसी के नुकसान कुछ इस प्रकार हो सकते हैं:

  1. नैतिक मुद्दे: कुछ लोगों को लगता है कि सरोगेसी नैतिक मुद्दे उठाती है। इसे लेकर विभिन्न मत होते हैं और कुछ लोग इसे सही मानते हैं जबकि कुछ नहीं।
  2. जुड़े रोग: अधिकतर बार सरोगेसी उत्पादन करने के लिए एक डोनर का उपयोग किया जाता है और इससे वायरस या अन्य जुड़े रोगों के खतरे हो सकते हैं।
  3. स्वास्थ्य समस्याएं: सरोगेसी के दौरान अधिकतर महिलाओं को दवाओं या हार्मोनों का उपयोग करना पड़ता है जो अधिक समस्याएं उत्पन्न कर सकते हैं।
  4. वित्तीय समस्याएं: सरोगेसी बहुत महंगी हो सकती है जो जोड़े के लिए बड़ी वित्तीय बोझ बन सकती है।
  5. जुर्माने: कुछ देशों में, सरोगेसी को नियमित किए गए कानून के विरुद्ध किए जाने पर जुर्माने या दंड भुगतने की सजा हो सकती है।

इसलिए, सरोगेसी के फायदों और नुकसानों को ध्यान में रखकर जोड़ों को इसके बारे में गहराई से सोचना

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