Tauba Kaise Kare Apne Rab Ko Kaise

HI दोस्तो आज की पोस्ट अल्लाह को राज़ी कैसे करे | रब को माने वाली दुआ कैसे मांगे की कबूल होजाये रब को मनाना या दुआ करने के नंगे में बताउंगा तो इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें

Tauba Kaise Kare Apne Rab Ko Kaise

पिचली पोस्ट में आपको बता की तौबा कैसे करे | सच्चा तौबा क्या है आज की पोस्ट में आपको बताने वाला हूं की अपने रब को कैसे मनाना चाहिए खुदा की मोहब्बत पाने के लिए कैसे इल्तिजा करे

दुआ को इबादत का मगर कहा गया है और ये भी की तकदीर को बदलने वाली केवल 1 ही चीज है जिसे इस्लाम की जुबान में (दुआ) कहा गया है दुआ के 3 पहलू है 1_ कबूल होजाती है 2_ आने वाली मुसीबत को ताल देता है मगर कैसा और किस तरह मांगनी है जिससे रब भी रजी होजाये और हमारा आपका बेडा भी पार हो जाए तो मेरे सभी प्यारे और बहनों इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें

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Tauba Kaise Kare Apne Rab Ko Kaise

अल्लाह को रज़ी कैसे करे क्या दुआ से रब मुआफ़ करदेता है

या तो इलाही ये औलादे आदम भी बरही अजीब है जब तेरी आटा तो पर आती है तो फिरिश्ते भी हैं कदम पर तेरे नाम पर जान फिदा कारती है तेरे इश्क में घर बार मल व गुड़ियाट गोया नच की फरमानी और सरकार पर आती है तो ऐसे गुनाह करता है जो तकाज़ई बसरियात को रौंद दलते है गोया हमें दुखी इंसानियत के पहले पर गौर किया जय तो अक्सर लोग गुनाह नज़र आते हैं

कोई खुदा से गफिल है तो कोई कुफर डब्ल्यू शिर्क में मुबतिल्लाह है तो कोई बुतों की पूजा कर रहा है तो कहीं कतल व खाता का बाजार गरम है तो कहीं मैखानुं के सागर अपना बात जोबन दिखला को मैंने रखा है है की खुद को भूला बेटा है तो कोई इश्को मजा के नजरून में मोहवे फरेब है

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तो इमरत के ख्वाब ने लोगों में लाला भर रखा है तो कहीं इश्को मोहब्बत की दास्तान फिरोग पा रही मन है इश्क कोई हर चाहर सू बुरायुं का हंगामा है और इस से बचने का सिरफ 1 ही रास्ता है और वो है की ऐ हजरत इंसान तो सच्चे दिल से कहे की ए

अल्लाह मेरी तौबाह} तौबा तेरी जिंदगी के रुख को मोरकर सिद्धे रास्ते पर लड़े जी जिन्को अल्लाह के हन कुर्बत हासिल है उनको इसि दर वजेह से गुजारना परहा और उनको दिल व जुबान से कहना परहा तबाह मेरी

और जिस दुनिया में तौबा करली वो अल्लाह की रहमत का हकदार होगया और हमें के तमं सबिकह_पहले के गुनाह मुआफ हो गया इंशा अल्लाह अल्लाह पवित्र कुरान में कहो {toobu इल्लल्लाह तौबतन नुसुहा नाम जो तुम्ही कोउबात नुसुहा कारो है को तुम्हा नहट बनजा है या ऐसी तौबा है। रज़ी कैसे करे
क्या तौबा तौबा करने से मुआफी मिलजती है

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है तब तौबा करने से छुटकरन नहीं मिल सकता है, तब तुम्हें कितना प्यारा होगा गुनाहों को मुआफ करदिया है तो दोस्त हमारा और कुछ कुछ ऐसा हो की रब की रहमत जोश में आजे और ये जब ही होशकता है जब बंदा दिखवे की खातिर नहीं बाल्की हकीकत में अपने अंधेरे रबर के

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