उमराह कैसे करे Umrah Kaise Kare Tawaf Ahram Ka Tarikah

हाय माय ऑल डियर्स रीडर आज की पोस्ट में आपको बताने वाला हूं उमरा कैसे करे तवाफ अहम का तारिकाह हिंदी में उर्दू में बहुत ही सरल इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें करे इंशा अल्लाह आपको पूरी तरह से जानकारी मिल जाएगी “उम्रा कैसे करे तवाफ अहम” के बारे में

वैसे पोस्ट पड़ने से पहले में आपको बताना चाहता हु की इसमें ज्यदातर उर्दू या अरबी सब्दो का समावेश है, में उर्दू इतनी अच्छी नहीं है फिर भी मेने कोशिश से अछे से लिखने की कोशिश की है अगर आपको कही गलती लगे तो आप हमे कमेंट में जरुर बताये जिससे हम उसे सुधर सके :-

Salatul tasbeeh ki namaz ka tarika

Umrah Kaise Kare

उमराह कैसे करे

काबा शरीफ के चारुन तारफ जो आजीमु शान इमरतेन बनी हुई हैं उसे मस्जिद हरम कहते हैं इसमे 100 से जियादा गत दरवाजे हैं हुजूर सा.व. का घर मारवाह से मशरिक (उत्तर) की सिम था और आप सा.व. बाबू-सल्लम जो की साफा वो मारवा के बीच है

अक्सर उस दरवाजे से मस्जिद हरम में दखिल होते थे इस लिए अगर मुमकिन हो तो आप भी बाबू सलाम से दखिल होगा वर्णा किसी भी दरवाजे से मजबूत है कोई बुरा नहीं

उमराह कैसे करे तवाफ अहमम का तारिकाह | तवाफ व अहराम

मस्जिदे हरम में दखिल होते वक्त पहले दहिना कदम रखे और ये दुआ पढें

بسم الله والصلاة والسلام لي رسول الله اللهم افتح لي ابواب رحمتك

काबातुल्लाह (हरम) पर पहली नज़र और दुआ कैसी करनी चाहिए

यह उमर कैसे करे काबा शरीफ पर जब पहली बार नजर मिलेगी तो पलक झपकने से पहले आप जो भी दुआ मांगेंगे अल्लाह ताला इस्तेमाल करेंगे से ज़ियादह फैज़्याब और बरकत पाने के लिए पहले से ही तयार रहे

अब मस्जिद हरम में दाखिल होते वक्त नजरें नीची रखें फिर तकीबन 200 कदम आगे बढ़ते चले जाने इस दोरान आपको 2 बार अध्ययन पार करनी होगी

जब आप हरम शरीफ के सेहन में पहले तो रास्ते से 1 फूट टोपी कर खड़े हो जाएं और अब नजर उठा कर खुदा के उस घर को देखें जिस तरह से रुख (चेहरा) करके आप पर उमर सजदा है और करते रहे अपनी नजरें जमादेन और बगैर पलक झपका ये दुआ करलेन

या अल्लाह इसके बाद में जो भी खैर (भलाई) की दुआ मांगु कुबूल फरमा

इस्के बाद ये दुआ 3 बार पढे

الله اكبر لا اله الاالله :अल्लाह सबसे बड़ा है उसके लिए कोई माबूद नहीं:

अगर आप चाहते हैं तो यहां पर तकबीरे तश्रीक भी पढ़ सकते हैं जैसे

الله اكبر لا اله الا الله والله اكبر الله اكبر وللله الحمد

इस्के बाद दुरूद शरीफ पढे फिर दिल भर कर दुआ मांगे क्यों की आप इस वक्त गनी (अल्लाह) के डर पर हैं जहां आप मांग कर ठक जाएंगे लेकिन वो देखते हैं उसके बारे में कोई काम नहीं अहबाब कुल उम्मेते मुस्लिमाह,

और अपने मुल्क के लिए दुआ करें याही वो पल है जिसके लिए इंसान तड़प जाता है इस लिए बिना कंजुसी के जितना हो सकता है दुआ करेगा इंशा अल्लाह बेदा पार होगा कासे बड़ा है कैसा है

उमराह में कितने फ़र्ज़ होते हैं? उमराह के फ़र्ज़ कैसे अदा करे?

उमराह में 2 फ़र्ज़ होते हैं

  • 1 अहराम बंधना
  • 2 तवाफ़-ए-काबतुल्ला (चक्कर) लगान

यह पहला फ़र्ज़ अहराम और उसकी तयारी ऐसे करे की सबसे पहले गैर ज़रुरी बालुन को साफ करने नखुन कातलेन फिर अहराम की नियत से गुसल करने फिर 2 सही चादर लेने जो बिना सिली हुई 2 में नहीं है लगा जाए और ना ही अहराम की हालत में खुशबू इस्तमाल की जाए।

औरतों का अहराम इन का रोज़ मरा का काम है अहराम अगरचे एयर पोर्ट पर भी बंध जा सकता है लेकिन बेहतर यही है की घर से इतने से अहम बंद कर निकला जाए। हलत ए अहराम में औरतों को अपना चेहरा खुला रखना चाहिए। क्या पर किसी क़िस्म का कपड़ा ना डाला जाए यही हुकम है

अहराम बंधन के बाद 2 दो रकात नफल नमाज अदा की जाए। आगर मकरूह वक्त हो तो नफल अदा ना जाने जाने नफल अदा करने के बाद नियात किजिये उ-अल्लाह! में तेरी रज़ा और खुशनोदी के लिए उमरा अदा करने का इरदाह रखता हूं तो इसे मेरे लिए आसान बना दे और इसे कबूल भी फार्म ले। नियात करते ही मर्द ज़रा बुलंद आवाज़ से और औरते आहिस्ता आवाज़ में काम से काम तीन बार तलबिया पढ़ने

तलबिया क्या है?

लब्बाइका अल्लाहुम्मा लब्बाइक, लब्बाइका ला शारिका लाका लब्बैक इनल हमदा वान-निमाता लाका वालमुल्का ला शारिका लाख इस के बाद दरूद शरीफ परहा जाए और कबूलियत की दुआ मांगी जाए

अहराम के नियम (अहराम की पबंदी) अहराम बंधने के बाद क्या नहीं कर सकते?
हलत ए अहराम में शरीयत की तरफ से क्या बबंदियां लगी हैं?

उमराह की नियात करते ही अहराम की पबंडियां शुरू हो जाती है जैसा ऊपर लिखा है मगर फिर भी दोहरलेन की हलत ए अहराम में किसी भी किसम की खुशबू इस्तमाल नहीं की जा स्कती। खुशबूदार साबुन, खुशबूदार शैम्पू, टूथ पेस्ट भी इस्तमाल नहीं किया जा स्कता,

नखुन नहीं काटे जस्केते, बाल नहीं काटे जस्केते, जिस्म से मेल कुचेल को भी दूर नहीं किया जा सकता बूट मर्द सिला हुआ लेबस्ते नहीं मर्द पहचान कोई नहीं पहनने के लिए,

हवाई चैपल या उसके जैसी चैपल पहनने के लिए हैं सर पर टोपी या रुमाल, भी नहीं दाल सकते हैं नमाज में भी सर खुला ही रहना चाहिए, हक में जोजियात अदा नहीं कर सकता हूं। कहीं सर या ढी के बाल टूट न जाने औरते हलते आहर

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