Zakat Kaise Ada Kare जकात अदा करने का आसान तारीका

हाय दोस्तों आज में आपको ज़कात के मसाइल हिंदी में ‘उर्दू’ अहमम ए ज़कात क़ुरान ओ सुन्नत | इस्लाम में क्या है चैरिटी के नंगे में बताने वाला हूं तो पढ़ें इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें

जैसे की हमने अपनी Islamic Tips में बहुत सारे आर्टिकल लिखे है हमारा पिछला लेख जो उमराह कैसे करे पर था काफी पसंद किया गया उसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए आज हम Zakat Kaise Ada Kare तथा जकात अदा करने का आसान तारीका व् प्रश्न उतर सबके बारे में जानकारी देंगे :-

Salatul tasbeeh ki namaz ka tarika

Zakat Kaise Ada Kare

Zakat Kaise Ada Kare

ज़कात इस्लाम के सबसे 5 अरकानून (पिलर्स) में से 1 है जिस्का क़ुरान में काई बार ज़िकर आया है अल्लाह ने अपने बंदों को अलग अंदाज़ से इस्के फ़वैद और अजर बताया है अल क़ुरान रह में खर्च करते हैं उनके लिए अल्लाह के यहां बहुत बड़ा अजर है और जो बुखल कांजोसी करे उनके लिए दर्दक आजाब

ज़कात के लाभ | कुरान में दान | ज़कात की फ़ज़ीलत क़ुरान ओ हदीस द्वारा
अल्लाह तआला फरमाता है कामयाबी पाते हैं वो लोग जो जकात अदा करते हैं और फरमाता है जो कुछ तुम खर्च करोगे

  • अल्लाह तआला उसे जगा और दूंगा
  • और अल्लाह बेहतर रोज़ी देने वाला है
  • और फरमाता है जो लोग बुखल (कांजूसी) करते हैं

उसके साथ जो अल्लाह ने फजल से उन्हे दिया वो ये गुमान न करे की ये उनके लिए अच्छा है बाल्की ये उनके लिए बुरा है उसी चीज का कयामत के दिन उनके गले में ताऊक डाला जाएगा इतना किया

ज़कात निकले के लिए सबसे और बहुत ही आसान कैलकुलेटर गणना के लिए आप यहाँ से डाउनलोड कर सकते हैं ZAKAT_CALCULAITION _CALCULETER

ज़कात के मसाइल | ज़कात फ़र्ज़ होने के लिए क्या शरते होनी चाहिए
ज़कात के मसाइल के हसब से ये लोग ज़ियादाह हक़दार है

  • मुसलमान होना
  • बालिग होना,
  • अकील होना,
  • आजाद होना,
  • मलिके निसाब,
  • शुद्ध तोर पर मलिक होना,
  • निसब का हजते असलिया से दूर होना
  • यानी घर में इस्तमाल वली

चिज़ों से अलग इतना माल होना जितना पर ज़कात वाजिब है माल का अपना नाम मुझे होना ज़रूरी है उतनी रक्म पर एक साल गुज़रना जितनी पर ज़कात वाजिब है अगर एक साल पहले ज़कात वाजिब होने से काम पैसे
(क्यू. शरीयत) ज़कात के मसाइल

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ज़कात के मसाइल हिंदी उर्दू में ज़कात के बारे में सभी प्रश्न और उत्तर
यूं तो ज़कात के मसाइल पर बहुत से अच्छालत हैं लेकिन यहां पर कुछ वो अहम समस्या जैसे रहा हूं जिसके नंगे में हर कोई जाना चाहता है उम्मेद है की अगर आपने सब को अच्छी तरह से पढ़ा लिया में आसान से इल्म हो जाएगा इंशा अल्लाह

Q.1-ज़कात के लोगवी क्या मतलब है?

पाकी और बढ़ोत्री के हैं

Q.2-ज़कात की शरीफ़ किजिये?

माल ए मखसूस का मखसूस शरीयत के साथ किसी मुस्तहिक ए जकात को मलिक बनाना

Q.3-कितना सोना (सोना) या चंडी (सिल्वर) हो तो ज़कात फ़र्ज़ होती है?

गोल्ड 7/5 साधे 7 तोला या उससे ज़ियादा हो और सिल्वर 52/5 साधे 52 तोला या उससे ज़ियादा हो तो ज़कात फ़र्ज़ होती है

Q.4- ज़कात फ़र्ज़ होने के लिए कितने रुपये (पैसा) होनी चाहिए

इतना रूपया पैसा हो की जिस से 52/5 तोला चंडी या 7/5 साधे 7 तोला सोना खरिदा जा खातिर

Q.5- कितना माल ए तिजरत हो तो ज़कात फ़र्ज़ होती है

उसकी मालियत साधे 52 तोला चांदी के बराबर हो

Q.6- अगर कुछ सोना है कुछ चांदी है या कुछ सोना है कुछ नक़द (नकद) है या कुछ चंडी है कुछ माल ए तिजरत है इन सब को मिलाकर देखा जय तो 52/5 साधे 52 तोला चंडी बनी की मालियत में ज़कात फ़र्ज़ है या नहीं?

इस सूरत में भी ज़कात फ़र्ज़ है उसका माल निसाब को पांच गया सब मिलाकर

Q.7- चरने वाले मवेशियुं [gaay.bakri.bhen। Ount.] पर भी ज़कात फ़र्ज़ होगी या नहीं?

जी इन सब पर भी ज़कात फ़र्ज़ है

Q.8- उसरी ज़मीन की अदावर पर भी ज़कात फ़र्ज़ है या नहीं?

जी उसरी ज़मीन की अदावर पर भी ज़कात फ़र्ज़ होगी 10÷

प्र.9- 1 साहिब ए निसाब शक्स को दरमियानी साल में 35 हज़ार की आमदानी हुई तो क्या ये 35 हज़ार रुपये भी ज़कात के माल में शामिल किए जाएंगे या नहीं?

जी इस्स बेनिफिट 35 हजार को भी शामिल किया जाएगा

Q.10- काम करने वाले के पास 2 तरह का माल होता है 1 खाम (कच्चा) माल जो चिजुन की तयारी में काम आता है और 2 दसरा तयर होया हुआ माल इन दून किसम के मालुन पर याकत नहीं फर्ज़ है

जी दून टाइप के माल पर ज़कात फ़र्ज़ है

Q.11-मशीनरी और दुसरी वो चिजेन जिन्के जरी माल तय किया जाता है पर जकात फरज है या नहीं?

जी इन पर जकात फरज नहीं है

Q.12- जो ज़ेवर [गोल्ड.सिल्वर] इस्तमाल किए जा रहे हैं उन पर ज़कात फ़र्ज़ है या नहीं?

जी इस्तमाल शुद्धा ज़व्रत पर ज़कात फ़र्ज़ है

Q.14- ज़कात कोनसे महिनों के हसब से निकी जाएगी इंग्लिश या उर्दू ?

कमर यानी उर्दू महीना के हिसब से निकली जय अंग्रेजी तारीख से हराम है

Q.15- प्लॉट इस नियात से लिया था की इसे बेच (बिक्री) देंगे तो उस पर जकात वाजिब होगी या नहीं?

जी सेल (बेचने) की नियत थी तो सूरत में जकात वजीब है वर्ना नहीं

Q.16- प्लॉट ख़रीदते वक़्त तो बिकने की नियत नहीं थी लेकिन बाद में बिक्री करने का इरदाह हो गया तो सूरत में ज़कात फ़र्ज़ होगी या नहीं?

जब प्लॉट बेचड़िया जय और रक्म पर 1 साल पूरा गुजर जय तब जकात फर्ज़ है अगर पहले से साहिब ए निसाब है तो ये पैसे निसाब में मिल जाएंगे

Q.17- जो प्लॉट रिहाशी मकान के लिए खरीदा गया हो उस पर जकात फरज है?
जी नहीं रहने और मकान बनाने के लिए

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